धर्मनगरी हरिद्वार में देश के अलग-अलग प्रांतों और विदेशों से लोग गंगा दर्शन के लिए आते हैं। हरिद्वार में गंगा स्नान करने और पौराणिक स्थलों पर पूजा पाठ करने का भी विशेष महत्व है।
हरिद्वार में कई ऐसे घाट हैं जहां पर लोग पितरों का तर्पण करते हैं। लेकिन भगवान शिव की ससुराल दक्ष मंदिर में बने दक्ष घाट का पौराणिक महत्व है।
कहा जाता है कि दक्ष घाट पर गंगा स्नान, पिंड दान या पितरों के लिए किया गया कोई भी कर्म हो उसका विशेष फल मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी और दक्ष मंदिर के पीठाधीश्वर ने बताया कि राजा दक्ष के समय से ही इस घाट का एक अलग महत्व है। नीलधारा से आ रही एक धारा जो सतीघाट से होते हुए दक्ष घाट की ओर आती है।