गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट सोमवार को पर्यटकों, ट्रैकरों और पर्वतारोहियों के लिए खोल दिए गए। हालांकि, गोमुख तपोवन ट्रैक क्षतिग्रस्त होने, मार्ग में बड़े-बड़े हिमखंड होने और खराब मौसम के चलते फिलहाल इस ट्रैक पर पर्यटकों व पर्वतारोहियों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी।
पार्क के अधिकारियों का कहना है कि ट्रैक ठीक और मौसम अनुकूल होने के बाद ही आवाजाही की अनुमति दी जाएगी। पार्क के उपनिदेशक रंगनाथ पांडेय की मौजूदगी में गोमुख-तपोवन ट्रैक के कनखू बैरियर के गेट पर लगा ताला पूजा पाठ के साथ खोला गया। यह पार्क हिम तेंदुए का प्राकृतिक घर है। यहां हिम तेंदुओं के साथ ही भरल, काला भालू, भूरा भालू, हिमालय थार, कस्तूरी मृग आदि दुर्लभ वन्यजीव भी निवास करते हैं।
यहां स्थित गंगोत्री हिमालय में चार से सात हजार मीटर तक ऊंची चोटियों के अलावा नेलांग घाटी व स्काईवॉक जैसा अनुभव देने वाली गरतांग गली भी है। प्रतिवर्ष शीतकाल में 30 नवंबर को गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट पर्यटकों के लिए बंद किए जाते हैं। जो एक अप्रैल को खोले जाते हैं। पांडेय ने बताया, पार्क के चारों गेट अगले आठ माह के लिए पर्यटकों के लिए खोल दिए गए हैं। इस बार बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद है।
बताया, गोमुख-तपोवन ट्रैक कई जगह क्षतिग्रस्त होने के साथ केदारताल ट्रैक पर भी बड़े-बड़े हिमखंड होने से पर्यटकों व पर्वतारोहियों की आवाजाही फिलहाल सुरक्षित नहीं है। ट्रैक ठीक होने और मौसम अनुकूल होने के बाद ही आवाजाही की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, नेलांग घाटी के साथ गरतांग गली के भ्रमण के लिए पर्यटक पहुंच सकते हैं। इस मौके पर रेंज अधिकारी प्रदीप बिष्ट, वन दरोगा राजवीर रावत, देवराज राणा आदि रहे।
Doonited Affiliated: Syndicate News Hunt
This report has been published as part of an auto-generated syndicated wire feed. Except for the headline, the content has not been modified or edited by Doonited.