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काशी की तर्ज पर होगा केदारनाथ-तमिल संगमम

काशी-तमिल संगमम के सफल आयोजन से उत्साहित केंद्र सरकार उत्तराखंड में भी केदारनाथ-तमिल संगमम करने पर विचार कर रही है। काशी के बाद ऐसा दूसरा आयोजन 17 से 26 अप्रैल तक गुजरात में होना है।

केदारनाथ-तमिल संगमम को लेकर हालांकि सरकार और संगठन के स्तर पर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है, लेकिन सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को लेकर उत्तर और दक्षिण के ज्ञान और सांस्कृतिक परंपराओं को करीब लाने के लिए पार्टी को केंद्रीय नेतृत्व से दिशा-निर्देश अवश्य मिले हैं।

बदरी-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय कहते हैं, केदारनाथ-तमिल संगमम की अभी आधिकारिक जानकारी नहीं है, लेकिन यह सच्चाई है कि केदारनाथ धाम का दक्षिण से बेहद करीब का रिश्ता है। केदारनाथ में मुख्य पुजारी दक्षिण के शैव लिंगायत समुदाय के रावल हैं, जबकि बदरीनाथ में मुख्य पुजारी केरल के नंबोदरी ब्राह्मण हैं।

पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुतबिक, भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में देश की सांस्कृतिक राष्ट्रीय एकता पर जोर दिया गया था। इस बैठक में तमिल संगमम के आयोजन का विचार आया था।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट कहते हैं, केंद्रीय नेतृत्व की ओर से सांस्कृतिक एकता के लिए हमें कुछ कार्यक्रम दिए गए हैं। हमें अपने राज्य के अलावा देश के दूसरे राज्य जिसमें दक्षिण के राज्य प्रमुख हैं, के स्थापना दिवस, उत्सव और सांस्कृतिक आयोजन करने हैं। इसका मुख्य उद्देश्य समूचे राष्ट्र को सांस्कृतिक एवं परंपराओं के जरिये एकता के सूत्र में जोड़ना है।

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