उत्तराखंड में दूसरी चुनावी जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 साल के कार्यकाल में बड़े मुद्दों पर लिए फैसलों को धार दी। वहीं, कांग्रेस पर सियासी वार करने से नहीं चूके। किसी नेता का नाम लिए बिना विरोधियों को जमकर कोसा। कहा, कमजोर व अस्थिर सरकारों के समय आतंकवाद ने पैर पसारे। कांग्रेस के समय जो लूट होती थीं, उसे मोदी ने बंद किया। जिससे विरोधियों का गुस्सा मोदी पर निकल रहा है।
अपने करीब 38 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री मोदी कांग्रेस को कोसने से नहीं चूके। पिछले 10 वर्षों में अपनी सरकार की उपलब्धियों की कसौटी पर उन्होंने कांग्रेस राज को कसने का प्रयास किया। उनका कहना था कि कांग्रेस सरकार में वन रैंक वन पेंशन लागू नहीं होती। उन्होंने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को ठुकराने, शक्ति के विनाश से जुड़े बयान, डीबीटी को लेकर भी कांग्रेस पर प्रहार किए।
उन्होंने परिवारवाद के बहाने कांग्रेस को निशाने पर लिया। हालांकि उन्होंने हरिद्वार में कांग्रेस प्रत्याशी का जिक्र नहीं किया। लेकिन हर की पैड़ी को नहर बताने और इसे गंगा के अस्तित्व को चुनौती देने से जोड़कर उन्होंने परोक्ष रूप से पूर्व सीएम हरीश रावत पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में देवभूमि उत्तराखंड के प्रति भावनात्मक लगाव और आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विरासत का जिक्र किया। कहा, उत्तराखंड वालों के लिए मैं घर का सदस्य हूं।
उत्तराखंड वासियों से निकट का नाता रहा है। उत्तराखंड के प्यार को जीवन में नहीं भुलाया जा सकता है। कांग्रेस सरकार में गरीब, नौजवान का पैसा बिचौलिए खा जाते थे, लेकिन मोदी सरकार ने लूट बंद की है। कांग्रेस के नेताओं के लिए तो पहले दिल्ली का शाही परिवार, अपना परिवार ही सबकुछ है। लेकिन मेरे लिए जनता और भारत ही मेरा परिवार है। कांग्रेस विकास और विरासत दोनों की विरोधी है। जो प्रभु राम और गंगा के अस्तित्व पर सवाल उठा रहे हैं।
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