अंकिता हत्याकांड मामले में शुक्रवार को एक मोबाइल कंपनी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के नोडल अधिकारी विशाल शर्मा से बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने जिरह की। शर्मा ने बताया कि अंकिता भंडारी जो सिम चला रही थी वह नीरू रावत के नाम पर था। च्वींचा गांव निवासी एक महिला नीरू रावत ने भी शुक्रवार केा अदालत में बयान दर्ज कराए।
यमकेश्वर के गंगाभोगपुर तल्ला के वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर कार्यरत अंकिता भंडारी की हत्या के मुकदमे का कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में ट्रायल चल रहा है। शुक्रवार को अदालत में हाजिर हुए संचार कंपनी के नोडल अधिकारी विशाल शर्मा से बचाव पक्ष के अधिवक्ता अनुज पुंडीर ने कई सवाल पूछे।
जवाब में नोडल अधिकारी ने बताया कि अंकिता भंडारी का मोबाइल नंबर नीरू रावत की आईडी पर था। यह भी बताया कि पहाड़ी क्षेत्र में मोबाइल टाॅवर की लोकेशन अलग अलग आ सकती है। मोबाइल बंद होने के बाद उसकी लास्ट लोकेशन आती है, लेकिन रनिंग लोकेशन नहीं आती।
दूसरी गवाह नीरू रावत ने बताया कि अंकिता भंडारी की मां सोनी देवी उनके पड़ोस में रहती थीं। उन्हें सिम की जरूरत थी। तब उनका अंगूठे का निशान मशीन पर न आने के कारण उसने अपनी आईडी से एक सिम उन्हें दिलवाया था। गवाह ने अदालत में दिए गए सहमतिपत्र को भी प्रमाणित किया।
डीजीसी प्रदीप भट्ट ने बताया कि एक अप्रैल को हुई सुनवाई में विशाल शर्मा के बयान तो दर्ज हो गए थे, लेकिन बचाव पक्ष के अधिवक्ता के न आने से जिरह नहीं हो सकी थी। अदालत ने अब इस मामले में अगली सुनवाई की तिथि 3 मई नियत की है।
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