
कई मायनों में ऐतिहासिक रही चारधाम यात्रा बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही समपन्न हो गई है. एक तरफ जहां रिकॉर्ड तोड़ यात्रियों की वजह से इस साल यात्रा सीजन खास रहा. वहीं, पर्यटन व्यावसाय से जुड़े लोगों की आमदनी और हेली सर्विस के लिए मारामारी भी चारधाम यात्रा को यादगार बना गई.
3 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा भगवान बद्रीविशाल के कपाट बंद होने के साथ ही सम्पन्न हो गई. 6 महीने तक चली यात्रा में जहां श्रद्धालुओं को सुविधाजनक यात्रा करवाने का सरकार प्रयास करती रही. वहीं, कोविड के खतरे के बीच हेल्थ डिपॉर्मेन्ट की भी कोशिश रही कि यात्रा में संक्रमण का ख़तरा न रहे.
बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय बताते हैं कि यात्रा सीजन को लेकर हमें पहले से लग रहा था कि श्रद्धालुओं का आंकड़ा बढ़ेगा,इसलिए उसी हिसाब से तैयारियां भी की गई.