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उत्तराखंड में पांच फीसदी ही बाघों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना, आपसी संघर्ष में भी बाघ अपनी जान गवां रहे है

उत्तराखंड में पांच फीसदी ही बाघों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना, आपसी संघर्ष में भी बाघ अपनी जान गवां रहे है

देश भर में प्रोजेक्ट टाइगर की वर्षगांठ मनाई जा रही है और मैसूर में पीएम मोदी ने देश में 3,167 बाघ होने की घोषणा की है।

हालांकि अभी राज्यवार बाघों की सूची जारी नहीं हुई, ऐसे में उत्तराखंड में पांच फीसदी ही बाघों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है जबकि 2018 की गणना में प्रदेश में 442 बाघ रिकॉर्ड हुए, जिसमें 252 कॉर्बेट पार्क में रिकॉर्ड हुए थे। वहीं आपसी संघर्ष में भी बाघ अपनी जान गवां रहे है।

दिसंबर 2021 से फरवरी 2022 तक उत्तराखंड के टाइगर रिजर्व पार्क व वन प्रभाग में एनटीसीए की ओर से बाघों की गणना कराई गई थी। इसके बाद वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बाघों की संख्या की जांच पड़ताल की है।

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प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव समीर सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में मौजूद जंगल के अनुरूप ही बाघों की संख्या बढ़ने का अनुमान है।

राजाजी नेशनल पार्क में बाघों की संख्या बढ़ेगी क्योंकि कॉर्बेट पार्क से पांच बाघ वहां भेजने थे, जिसमें दो बाघों को भेजा जा चुका है। कॉर्बेट पार्क की बात करें तो यहां भी बाघ की संख्या में बढ़ोतरी होगी।

अभी राज्यवार सूची नहीं जारी नहीं हुई। दो से तीन दिन के भीतर राज्यवार व टाइगर रिजर्व वार सूची जारी होगी, जिसमें पता चलेगा कि कितने बाघों की संख्या बढ़ी है। फिलहाल जितने बाघ है, उनका बेहतर ढंग से संरक्षण करना है।

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