
जोशीमठ. केदारनाथ के पट खुलने के साथ ही शुक्रवार को बद्रीनाथ के कपाट खुलने की प्रक्रिया का श्रीगणेश भी हो गया. आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी जोशीमठ के नृसिंह मंदिर से पांडुकेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुई. इधर, बद्रीनाथ में चार धाम यात्रा शुरू होने की पूरी तैयारी है. 8 मई को भगवान बद्री विशाल के कपाट खुल रहे हैं लेकिन बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई लैंडस्लाइड ज़ोन इस बार फिर यात्रियों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं. विष्णुप्रयाग से आगे बलदुणा पुल पर लगातार लैंडस्लाइड की वजह से घंटों तक जाम के हालात भी यात्रा में विघ्न डाल सकते हैं.
दशकों तक बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर स्थित लामबगड स्लाइड यात्रियों के लिए मुश्किलें पैदा करता रहा, तो अब वर्तमान में बलदुणा पुल के पास लगातार लैंडस्लाइड होने से मार्ग बार-बार बाधित हो रहा है. लामबगड में केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग डबल लाइन के कार्य ने निजात दिला दी है, तो वहीं अब बलदुणा पुल में सड़क चौड़ीकरण के कार्य के दौरान बड़ा लैंडस्लाइड ज़ोन उजागर हो गया है. बलदुणा पुल में लगातार पहाड़ों से मलबा गिरने का सिलसिला जारी है.
बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर एक नया स्लाइडिंग ज़ोन उजागर होने से चिंता बढ़ गई है.
पिछले काफी दिनों से बाधित हो रहे इस मार्ग को ठीक करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन समस्या बनी हुई है. इस पूरे मामले में जोशीमठ की उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी का कहना है कि मौके पर एनएच को मार्ग ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं. जेसीबी मशीनों को 24 घंटे मौके पर तैनात रखने के साथ ही पुलिस प्रशासन के जवानों को भी मौके पर मौजूद रखा जाएगा ताकि लैंडस्लाइड के दौरान जाम जैसी स्थिति काबू की जा सके.
पांडुकेश्वर रवाना हुई गद्दी
आदि गुरु शंकराचार्य की पावन गद्दी पांडुकेश्वर के लिए रवाना होने के साथ ही बद्रीनाथ धाम खुलने की औपचारिकताएं विधि विधान से शुरू हुईं. शुक्रवार को गद्दी पांडुकेश्वर पहुंचेगी और वहीं रात्रि विश्राम होगा. शनिवार को शंकराचार्य की डोली उठाने की परंपरा के साथ ही भगवान कुबेर भी बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना होंगे. और 8 मई रविवार की सुबह 6.15 बजे बद्री विशाल को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा.
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नितिन सेमवाल
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