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उत्तराखंड के नैनीताल जिले में बसा कैंची धाम आस्था का प्रमुख केंद्र

उत्तराखंड के नैनीताल जिले में बसा कैंची धाम आस्था का प्रमुख केंद्र
Photo Credit To सीमा नाथ

नैनीताल. उत्तराखंड के नैनीताल जिले में बसा कैंची धाम (Kainchi Dham Nainital) आस्था का प्रमुख केंद्र है. शांत वातावरण और हरियाली के बीच बसा यह धाम बेहद शांत और खूबसूरत है. यहां आकर आध्यामिक शांति मिलती है. यहां दिव्य पुरुष बाबा नीम करौली महाराज (Neem Karoli Baba) ने 15 जून 1964 को पहली बार हनुमान जी की मूर्ति को विधिवत स्थापित किया था. इसीलिए हर साल 15 जून को मंदिर का स्थापना दिवस मनाया जाता है. इस धाम की मान्यता इतनी है कि यहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. नीम करौली बाबा किसी भी भक्त को अपने पैर छूने नहीं देते थे.

नीम करौली बाबा बजरंग बली के उपासक थे. हनुमान जी की उपासना से उन्होंने अनेक चमत्कारिक सिद्धियां प्राप्त थीं. लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार भी मानते हैं, हालांकि बाबा आडंबरों से दूर रहते थे. एक आम आदमी की तरह जीवन व्यतीत करने वाले बाबा किसी भी भक्त को अपने पैर नहीं छूने देते थे. यदि कोई भक्त उनके पैर छूने की कोशिश करता, तो वह उसे हनुमान जी के पैर छूने को कहते थे.

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नीम करौली बाबा का असली नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था. उनका जन्म 1900 के आसपास उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के पास अकबरपुर गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनकी माता का नाम कौशल्या देवी शर्मा और पिता का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा था. 11 वर्ष की आयु में बाबा का विवाह एक ब्राह्मण परिवार की लड़की राम बेटी से हुआ था, लेकिन जल्द ही लक्ष्मीनारायण का मन घर-गृहस्थी से उठ गया और उन्होंने उसी समय घर छोड़ने का फैसला कर लिया.

जिसके बाद बाबा ने अपना घर-परिवार त्याग दिया और एक संन्यासी की तरह पूरे उत्तर भारत में भ्रमण करने लगे. बाबा को 17 वर्ष की उम्र में ही ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी.

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कैंची धाम के सेवक शेखर कांडपाल ने बताया कि नीम करौली बाबा ने संन्यासी जीवन के दौरान कई जगह यात्रा करने के साथ ही तपस्या की, जिस कारण अलग-अलग जगह लोग उन्हें विभिन्न नामों से बुलाते थे. भक्त बाबा को लक्ष्मण दास, हांडी वाले बाबा, तिकोनिया वाले बाबा और तलैया बाबा के नाम से भी पुकारते थे.



नीम करौली बाबा के भक्तों में कई नामी गिरामी हस्तियां शामिल हैं. इनमें फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और ऐप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स का नाम भी आता है. कहते हैं कि यह दोनों तब बाबा के बनाए कैंची धाम में आए थे, जब उनकी जिंदगी आम आदमी की तरह मुश्किलों के घिरी थी. वहीं प्रसिद्ध लेखक रिचर्ड अल्परट ने भी अपनी किताब ‘मिरेकल ऑफ लव’ में भी नीम करौली बाबा का जिक्र किया है, जिसमें उनके द्वारा किए गए चमत्कारों के बारे में भी बताया गया है.

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माना जाता है कि कैंची धाम में बाबा के चमत्कार आज भी होते हैं. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली, उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा, एक्ट्रेस समांथा रुथ प्रभु, अभिनेता और सांसद रवि किशन, हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स समेत कई हस्तियां कैंची धाम आश्रम आकर बाबा का आशीर्वाद ले चुकी हैं.

Post source : सीमा नाथ

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