
देर शाम जारी बुलेटिन के अनुसार, रुद्रप्रयाग जिले में कुंड के पास स्लिप और बोल्डर आने से एनएच-107 किमी 51 से 84 के बीच बाधित हो गया। हाईवे को खोलने का कार्य जारी है। नेशनल हाईवे को खोलने के लिए 89 जेसीबी मशीनों को लगाया गया है। वहीं कुल 280 जेसीबी मशीनें सड़कों को खोलने के काम में लगाई हैं।
इसके अलावा 18 राज्य स्तरीय मार्ग, पांच मुख्य जिला मार्ग, सात अन्य जिला मार्ग, 70 ग्रामीण सड़कें और 85 पीएमजीएसवाई की बंद रहीं। शुक्रवार को 95 सड़कें बंद हुई जबकि 156 सड़कें एक दिन पहले से बंद थीं। 251 बंद सड़कों में 65 को खोल दिया गया था।
भारी बारिश की वजह से मलबा आने के कारण बदरीनाथ हाईवे फरासू और लामबगढ़ में बंद है। तीर्थयात्री हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, सिमली थराली मोटर मार्ग व कर्णप्रयाग गैरसैण मोटर मार्ग भी मलबा आने से बंद है।
उधर, यमुनोत्री धाम सहित यमुना घाटी में रातभर से हो रही भारी बारिश के कारण नदी नाले उफान पर हैं। यमुनोत्री हाईवे पर नासूर बने खनेडापुल स्लीपजोन के पास आधा दर्जन लोग रातभर जगे रहे। ऊपर से चट्टानें खिसकने व तलहटी से यमुना नदी के कटाव के भय में पूरी रात जागकर काटी।
उत्तराखंड में शुक्रवार देर रात से पहाड़ से लेकर मैदान तक हो रही बारिश ने परेशानी खड़ी कर दी है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का खतरा बढ़ गय है। नदी नाले भी उफान पर हैं। वहीं, देहरादून, टिहरी, पौड़ी, चंपावत, नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर में अगले 24 घंटे में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है।
इन सभी जिलों में ज्यादातर इलाकों में तेज गर्जना के साथ भारी से बहुत अधिक बारिश की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि अगले 48 घंटे के भीतर मैदान से लेकर पहाड़ तक झमाझम बारिश की संभावना है। ऐसे में आपदा प्रबंधन के लिहाज से सतर्क रहने की जरूरत है।