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Manoj Bajpayee Inspector Zende: 31 साल से हिंदी सिनेमा से लेकर अपने फैंस के दिलों पर राज करने वाले मनोज बाजपेयी जल्द ही चिन्मय डी. मांडलेकर के डायरेक्शन में बनी एक कॉमेडी क्राइम थ्रिलर फिल्म ‘इंस्पेक्टर जेंडे’ में नजर आने वाले हैं, जो उनकी 101वीं फिल्म है. इस फिल्म में उनके साथ जिम सरभ, सचिन खेडेकर, गिरीजा ओक, भालचंद्र कदम जैसे कई और कलाकार एक साथ नजर आने वाले हैं. ये फिल्म 5 सितंबर शुक्रवार को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दस्तक देने वाली है, जिसको लेकर फैंस काफी ज्यादा एक्साइटेड हैं.
हाल ही में मनोज ने फिल्म के डायरेक्ट चिन्मय मांडलेकर और जिम सरभ के साथ PTI को इंटरव्यू दिया. जहां उन्होंने अपनी फिल्म के साथ-साथ अपने किरदार को लेकर भी खुलकर बात की. उन्होंने बताया कि वे अब एक नए अंदाज में लोगों के सामने आ रहे हैं. उनकी फेमस वेब सीरीज ‘द फैमिली मैन’ के बाद अब लोगों के लिए ये देखना एक नया एक्सपीरियंस होगा कि वे सीरियस फेस के साथ भी कॉमेडी कर सकते हैं. इससे पहले किसी को उम्मीद नहीं थी कि वे इस तरह के रोल भी प्ले कर सकते हैं.
VIDEO | Manoj Bajpayee (@BajpayeeManoj) seems to have found his funny bone, first with his critically-acclaimed series “The Family Man” and now as a Mumbai cop hot on the heels of a notorious criminal in “Inspector Zende”.
Bajpayee, whose name is often associated with intense… pic.twitter.com/RNrnuVkkHj
— Press Trust of India (@PTI_News) September 2, 2025
‘इंस्पेक्टर जेंडे’ की सिचुएशन देख आएगी हंसी
इंटरव्यू में बात करते हुए मनोज बताया कि असली मजा तब ही आता है जब आप जबरदस्ती कॉमेडी नहीं करते, बल्कि हालात खुद हंसने पर मजबूर कर देते हैं. उनका कहना है कि उनका नया किरदार ‘इंस्पेक्टर जेंडे’ भी कुछ ऐसा ही है. वो पुलिस वाला है लेकिन उसकी सीधी-सादी बातें और सिचुएशन में किया गया रिएक्शन हंसी ला देता है. इस तरह का ह्यूमर नकली नहीं लगता बल्कि असली लगता है. मनोज कहते हैं कि अगर आप एक्टिंग करते वक्त कॉमेडी को जबरदस्ती दिखाएंगे तो असर नहीं होगा.
अपने किरदार पर क्या बोले मनोज बायपेयी?
लेकिन जब हालात ही मजाकिया हों तो कॉमेडी अपने आप निकलकर आती है. मनोज ने अपने पुराने पुलिस किरदार ‘शूल’ को याद किया. उस फिल्म में उनका किरदार बेहद गुस्सैल और सख्त था, जिसे निभाना उनके लिए आसान नहीं था. उस समय वे किरदार में इतना खो गए थे कि उनकी सेहत और दिमाग पर असर पड़ गया था. लेकिन ‘इंस्पेक्टर जेंडे’ का किरदार हल्का-फुल्का कॉमेडी वाला और मजेदार है. इसमें सीरियसनेस तो है, लेकिन उसके बीच से ही मजाक पैदा होता है.
सच्ची घटना पर आधारित है फिल्म
इस वजह से ये काम उनके लिए पहले से ज्यादा आसान और मजेदार हो गया है. इस फिल्म की कहानी सच्ची घटना पर आधारित है, जिसमें मनोज बाजपेयी का सामना एक खतरनाक अपराधी से होता है. इस कहानी में रोमांच और कॉमेडी दोनों का जबरदस्त मेल देखने को मिलता है. फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक पुलिस वाला अपराधी को पकड़ने की कोशिश करता है, लेकिन उसके गंभीर चेहरे से भी हंसी निकलती है. फिल्म में चुटकुले या फालतू मजाक नहीं हैं, बल्कि किरदार की सिचुएशन ही कॉमेडी पैदा करती है.
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