
पिथौरागढ़. उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ का लक्ष्मण सिंह महर राजकीय महाविद्यालय (LSM PG College Pithoragarh Campus) इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. पिथौरागढ़ में इस महाविद्यालय को एसएसजे अल्मोड़ा विश्वविद्यालय का कैंपस बनाए जाने के फैसले में स्थानीय छात्र और नेताओं के अलग-अलग मत हो गए हैं.
एक तरफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) जल्द कैंपस शुरू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहा है, तो वहीं अन्य छात्र नेता सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं, जिससे सरकार के सामने असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. वहीं, शासन के एक फैसले में इसका निर्णय जनमत द्वारा तय किए जाने की बात भी हो रही है.
एबीवीपी लगातार कॉलेज में प्रदर्शन कर कैंपस जल्द से जल्द खोलने को लेकर हस्ताक्षर अभियान चला रही है. विद्यार्थी परिषद जल्द कैंपस का संचालन न किए जाने पर कॉलेज में तालाबंदी की बात कर रही है.
लंबे समय से पिथौरागढ़ के लोग इस महाविद्यालय को यूनिवर्सिटी बनाने की मांग करते आए हैं. त्रिवेंद्र रावत सरकार में तीन साल पहले पिथौरागढ़ के महाविद्यालय को अल्मोड़ा यूनिवर्सिटी का कैंपस बनाए जाने का फैसला लिया गया था. जिसके बाद से ही यहां असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
पिथौरागढ़ कैंपस के पक्ष के उतरे छात्रों का कहना है कि कैंपस बन जाने से पिथौरागढ़ में और नए विषयों की पढ़ाई हो सकेगी, जिससे छात्रों को अन्य जगह नहीं जाना पड़ेगा.
वहीं विरोध में उतरे छात्रों का कहना है कि कैंपस बन जाने से छात्र संख्या सीमित हो जाएगी. छात्र नेता नितिन मारकाना ने पिथौरागढ़ महाविद्यालय के स्वरूप से छेड़छाड़ न कर किसी अन्य जगह कैंपस बनाए जाने की मांग की है. राज्य सरकार पिथौरागढ़ जिले में नया महाविद्यालय खोलने पर विचार कर रही है.
रिपोर्ट- हिमांशु जोशी
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