
आने वाले 2030 तक उत्तराखंड में ड्रोन उत्पादन और सेवाओं से 5000 युवाओं को रोजगार मिलेगा। इस क्षेत्र में जहां एक हजार करोड़ निवेश का लक्ष्य है, तो वहीं एक हजार राजस्व भी प्राप्त होगा। दो आईटीआई में ड्रोन के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेंगे तो सरकारी कॉलेजों, नैक प्रमाणित निजी विश्वविद्यालयों में ड्रोन स्कूल स्थापित किए जाएंगे।
इसमें बताया गया कि इस क्षेत्र में ड्रोन निर्माण में 500 करोड़ रुपये और सर्विसेज में 500 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इससे राज्य को वार्षिक राजस्व 1000 करोड़ रुपये प्राप्त होगा और प्रदेश में 5000 रोजगार सृजित होंगे।
ड्रोन के प्रोत्साहन को राज्य में आईटीडीए के अधीन स्टेट ड्रोन कॉर्डिनेशन सेल (एसडीसीसी) गठित की जाएगी। वहीं, आईटीआई कालसी और आईटीआई काशीपुर को निजी सहभागिता से ड्रोन के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तौर पर चुना गया है। यहां डीजीसीए ने रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन (आरपीटीओ) बनाने की अनुमति दे दी है।