
औली में पर्यटन कारोबार से जुड़े दिपेश भंडारी, प्रदीप डिमरी, पवन कवाण का कहना है कि दिसंबर में बर्फबारी नहीं हुई जिससे पर्यटक अपेक्षाकृत कम पहुंचे। अब बर्फबारी हुई है लेकिन पर्यटक नदारद हैं। गिने चुने पर्यटक ही यहां पहुंच रहे हैं।
गढ़वाल मंडल विकास निगम औली के प्रबंधक नीरज उनियाल ने बताया कि औली में पिछले साल दिसंबर में उनके गेस्ट हाउस में 1935 और जनवरी में 1300 पर्यटक पहुंचे थे लेकिन इस बार दिसंबर में तो 1109 पर्यटक पहुंचे लेकिन जनवरी में अभी तक 634 पर्यटक ही पहुंच पाए हैं।
पर्यटन से जुड़े जिन कारोबारियों को इन दिनों फुरसत नहीं होती थी वह बिना काम के बैठे हुए हैं। ऐसे में कारोबारियों और उनसे जुड़े कर्मचारियों की रोजी रोटी पर संकट खड़ा हो गया है। जोशीमठ-औली रोपवे को भी सुरक्षा की दृष्टि से बंद किया हुआ है यहां होटल और अन्य पर्यटन व्यवसाय से जुड़े कारोबारी इस सीजन में खूब व्यस्त रहते हैं। कई बार पर्यटकों को कमरे नहीं मिल पाते तो वे रात्रि विश्राम के लिए जोशीमठ आ जाते हैं लेकिन इस बार जोशीमठ में भू-धंसाव के चलते आई आपदा से कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
पर्यटन से 500 से अधिक लोग जुड़े हैं, जिनकी रोजी रोटी इसी से चलती है लेकिन इस बार पर्यटकों के काफी कम आने से सभी का कारोबार प्रभावित हुआ है।