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दिल्ली में सम्मेलन आज, गरमाएगा जोशीमठ भू-धंसाव का मुद्दा

दिल्ली में सम्मेलन आज, गरमाएगा जोशीमठ भू-धंसाव का मुद्दा

जोशीमठ आपदा के प्रभावितों के पुनर्वास, विस्थापन और नई अवस्थापना के लिए केंद्र सरकार के 2000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज मांगा है। राज्य सरकार की ओर से इसका प्रस्ताव प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को भेज दिया गया है। इसके साथ ही आगामी वित्तीय वर्ष के लिए बजट में 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुंदरम ने इसकी पुष्टि की है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, पिछले दिनों हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में राहत पैकेज का प्रस्ताव चर्चा के बाद पीएमओ को भेजे जाने पर सहमति बनी थी। इसके बाद यह प्रस्ताव सचिव आपदा प्रबंधन के माध्यम से केंद्र सरकार को भेज दिया गया।

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हालांकि सरकार की ओर से पहले यही कहा जा रहा था कि जोशीमठ भू-धंसाव क्षेत्र की तकनीकी जांच एजेंसियों की अंतिम रिपोर्ट एनडीएमए से प्राप्त होने के बाद ही सरकार केंद्र से राहत पैकेज की मांग करेगी। फिलहाल, अभी सरकार की ओर से यह खुलासा नहीं हो पाया है कि एनडीएमए की फाइनल रिपोर्ट शासन को प्राप्त हुई कि नहीं।

प्रदेश सरकार ने जोशीमठ भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र के भवनों के मुआवजा के संबंध में अपनी नीति तय कर दी थी। इस नीति के तहत सर्वाधिक संवेदनशील प्रभावितों को मुआवजा बंटना शुरू भी हो गया। करीब छह प्रभावितों को भवनों का मुआवजा दिया जा चुका है। हालांकि भूमि का मुआवजा बांटने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। सरकार इस बारे में कह चुकी है कि भूमि का मुआवजा एनडीएमए की अंतिम रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद तय होगा।

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