
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को लेकर इस बार भारी उत्साह नजर आ रहा है. यहां देश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचने शुरू हुए तो उत्तराखंड प्रशासन शुरुआती व्यवस्थाएं करने में नाकाम दिखा. ऐसे में 30 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत के बाद सरकार अब हर लेवल पर इंतजाम कर रही है. इस यात्रा की तैयारी पर्यटन विभाग को पहले करनी चाहिए, लेकिन वह उसमें फेल ही दिखा. इसके बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी की सख्ती के बाद स्थिति में सुधार हुआ है. इस यात्रा को सरकार ने नाक का सवाल बनाते हुए चौकस व्यवस्था बनाने के लिए विभागों को काम के तरीके में बदलाव के निर्देश दिए हैं.
यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन सेन्टर पर ही हेल्थ स्क्रीनिंग की सुविधा है जो कि पूरी तरह डॉक्टर और पैरामेडिलक स्टॉफ के जिम्मे है. हल्की सी भी शारीरिक अस्वस्थता पर यात्रा में जाने से मना किया जा रहा है.
यात्रा के रूट में नया क्या है
चारधाम यात्रा के रूट में कुछ बदलाव भी किए गए हैं. इसमें यमुनोत्री और गंगोत्री की यात्रा रूट दोबाटा और हिना में हैल्थ स्क्रीनिंग की जा रही है. बद्रीनाथ धाम के यात्रियों के लिए हैल्थ स्क्रीनिंग शिविर पाण्डुकेश्वर में किया गया है.
24X7 हेली एम्बुलेंस की सुविधा
पिछले 10 दिन में केदारनाथ यात्रा के 11 यात्रियों को एयरलिफ्ट किया गया है. उत्तरकाशी में गंगोत्री यमनोत्री धाम में 12 मरीजों को इमरजेन्सी सेवा दी गई. 2 मंत्रियों को जिम्मेदारी देते ही उन्होंने जिला प्रशासन के साथ मीटिंग कर व्यवस्था को कड़ा कर दिया है.
आईटीबीपी और एनडीआरएफ भीड़ नियंत्रण के साथ साथ सुरक्षा के लिहाज से दे रही सेवाएं
अब सरकार की प्राथमिकता चारधाम यात्रा में व्यवस्था से लेकर सुरक्षित यात्रा संम्पन्न करवाना है जो शुरूआती दिक्कतों के बाद पटरी पर आ सके. इसी को लेकर विभाग मश्क्कत कर रहे हैं. सरकार की कोशिश चारधाम यात्रा को पूरी तरह से सरक्षित और सफल बनाने की है.
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