
अस्वस्थ घोड़ा-खच्चर को यात्रा मार्ग में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। स्थानीय लोगों ने घोड़ा-खच्चरों पर लगी रोक को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है। यह कहना है, पशुपालन विभाग के सचिव डाॅ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम का। उन्होंने कहा कि चार अप्रैल से अब तक 16 हजार घोड़े- खच्चरों की सैंपलिंग की जा चुकी है।
सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में केदारनाथ मार्ग में संचालित घोड़े-खच्चरों में एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस के बारे में उन्होंने बताया कि वायरस की जानकारी मिलने के बाद पशुपालन विभाग ने कई अहम कदम उठाएं हैं। राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान ने 26 मार्च 2025 को रुद्रप्रयाग जिले के दो गांव में घोड़े-खच्चरों की सैंपलिंग की, जिसमें एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस से संक्रमित घोड़े होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद की गई सैंपलिंग में 152 सैंपल पॉजिटिव आए, इन सैंपलों को आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए भेजा गया। जिसमें किसी भी घोड़े-खच्चर की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं मिली।
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