यात्रा का संचालन प्रदेश सरकार व विदेश मंत्रालय के संयुक्त प्रयास से किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आदि कैलाश यात्रा से कोविड काल से बंद मानसरोवर यात्रा को संचालित करने की राह आसान हुई है।
पिथौरागढ़ जिले के लिपुलेख पास से प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा कोविड महामारी के कारण वर्ष 2020 से संचालित नहीं हो पाई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रयास से इस बार यह यात्रा 30 जून से शुरू हो रही है। सोमवार को नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय में आयोजित बैठक में कैलाश मानसरोवर यात्रा-2025 के संचालन के लिए विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में निर्णय लिया गया कि यात्रा का संचालन कुमाऊं मंडल विकास निगम करेगा। यह यात्रा दिल्ली से प्रारंभ होकर पिथौरागढ़ के लिपुलेख पास मार्ग से संचालित की जाएगी। यात्रा में 50-50 यात्रियों के कुल पांच दल जाएंगे। कैलाश मानसरोवर यात्रा करने वाला पहला दल 10 जुलाई को लिपुलेख पास से होते हुए चीन में प्रवेश करेगा। अंतिम यात्रा दल 22 अगस्त को चीन से भारत के लिए प्रस्थान करेगा।
त्येक दल दिल्ली से प्रस्थान कर टनकपुर, धारचूला में एक-एक रात, गुंजी व नाभीढांग में दो रात रुकने के बाद (तकलाकोट) चीन में प्रवेश करेगा। कैलाश दर्शन के बाद वापसी में चीन से प्रस्थान कर बूंदी, चौकोड़ी, अल्मोड़ा में एक-एक रात रुकने के बाद दिल्ली पहुंचेगा।
प्रत्येक दल की 22 दिनों की यात्रा की जाएगी। यात्रा करने वाले सभी यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण दिल्ली में किया जाएगा। इसके बाद पिथौरागढ़ के गुंजी पहुंचने पर आईटीबीपी के सहयोग से स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा।
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