शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने शासकीय आवास पर शिक्षकों के लंबित प्रकरणों को लेकर कार्मिक, वित्त एवं न्याय विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को दो दिन के भीतर शिक्षकों की उचित मांगों पर निर्णय लेने के निर्देश दिए।
शिक्षा मंत्री ने कहा, सरकार शिक्षकों के प्रकरणों को लेकर गंभीर है। इस संबंध में उनकी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी वार्ता हो चुकी है। उन्होंने बताया कि बैठक में शिक्षकों की जायज मांगों को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ ही अन्य परामर्शी विभागों के उच्चाधिकारियों के साथ चर्चा की गई है। जिसमें शिक्षकों की मांगों का शीघ्र निस्तारण करने के विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
इस संबंध में उन्होंने शुक्रवार को विभागीय अधिकारियों के साथ एक बार फिर से बैठक कर निर्णय लिए जाने को कहा। जिसमें वित्त, कार्मिक एवं न्याय विभाग के उच्चाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। बैठक में राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती के प्रावधानों में परिर्वतन करने, सहायक अध्यापकों की प्रोन्नति, सीआरपी-बीआरपी के खाली पदों को भरने, जीर्ण-शीर्ण विद्यालयों के पुनर्निर्माण एवं मरम्मत कार्यों समेत अन्य बिंदुओं पर चर्चा की गई। बैठक में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि कई शिक्षक अपनी वरिष्ठता को लेकर न्यायालय गए हैं, जिस कारण वरिष्ठता की सूची का निर्धारण नहीं हो पा रहा है। इससे सहायक अध्यापकों की पदोन्नति भी लंबित है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त एवं कार्मिक आनंद वर्द्धन, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रामन, अपर सचिव कार्मिक ललित मोहन रयाल, अपर सचिव वित्त गंगा प्रसाद, अपर सचिव विद्यालयी शिक्षा एमएम. सेमवाल, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक एससीईआरटी बंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक विद्यालयी शिक्षा डॉ. मुकुल सती आदि मौजूद रहे।
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