केंद्र सरकार की विश्व बैंक सहायतित रैंप योजना (एमएसएमई के प्रदर्शन को बढ़ाना और तेज करना) के तहत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को फ्लेटेड फैक्टरी में तीन साल तक किराये में सब्सिडी दी जाएगी। प्रदेश में हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर जिले में एमएसएमई के लिए फ्लेटेड फैक्टरी का निर्माण किया जा रहा है।
फ्लेटेड फैक्टरी में एमएसएमई को 200 वर्ग मीटर क्षेत्र किराये पर लेता है तो तीन साल में छह लाख तक सब्सिडी मिलेगी। बुधवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में उद्यमी कॉन्क्लेव में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने रैंप योजना व एक्सपोर्ट पोर्टल का शुभारंभ किया। इसके अलावा गति शक्ति योजना की पुस्तिका का विमोचन किया।
उन्होंने कहा कि रैंप योजना का उद्देश्य बाजार, वित्त और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एमएसएमई की पहुंच में सुधार करना है। उन्होंने उद्यमियों से आग्रह किया कि श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया जाना चाहिए। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में एमएसएमई के योगदान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2024 में हुए वैश्विक निवेशक सम्मेलन में 3.56 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव पर एमओयू किए गए थे।
इसमें 90 हजार करोड़ निवेश की ग्राउंडिंग हो चुकी है। रैंप योजना के तहत केंद्र सरकार ने राज्य के लिए 83 करोड़ की रणनीतिक निवेश कार्य योजना को मंजूरी दी है। जिसमें एमएसएमई को आर्थिक व तकनीकी रूप से मजबूत करने के लिए कई प्रोत्साहन का प्रावधान है। एमएसएमई मंत्रालय की निदेशक अंकिता पांडे ने उद्यमियों को लंबित भुगतान के विवाद निवारण की जानकारी दी।
सेतु आयोग के एडवाइजर हनुमंत रावत ने बताया कि सतत विकास के माध्यम से राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों का लाभ उठाते हुए लघु उद्योगों की प्रतिस्पर्धा को बढ़ा सकते हैं। इस मौके पर सचिव उद्योग विनय शंकर पांडे, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के निदेशक विनम्र मिश्रा, एसएमई लिस्टिंग के उपाध्यक्ष हरीश आहूजा, सिडकुल के प्रबंध निदेशक प्रतीक जैन मौजूद थे। ब्यूरो
Doonited Affiliated: Syndicate News Hunt
This report has been published as part of an auto-generated syndicated wire feed. Except for the headline, the content has not been modified or edited by Doonited.