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Exclusive: मुझे पिटने में मजा आता है… आखिर क्यों स्त्री के जना को बोले ये, खून से लगता है अपनापन

Exclusive: मुझे पिटने में मजा आता है… आखिर क्यों स्त्री के जना को बोले ये, खून से लगता है अपनापन

Abhishek Banerjee Exclusive: ‘स्त्री’ का जना हो या फिर ‘पाताल लोक’ का हथौड़ा त्यागी ये वो किरदार ने हैं जो अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) के करियर में मील का पत्थर साबित हुए. जिसने एक्टर की पॉपुलैरिटी में चार चांद लगा दिए. अभिषेक की मूवी स्टोलन हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हुई जिसने आते ही ओटीटी पर कब्जा जमा लिया. इस थ्रिलर मूवी में एक्टर के रमन बंसल के रोल को काफी पसंद किया जा रहा है. साथ ही मूवी की कहानी इतनी फाड़ू है कि फिल्म ने स्ट्रीम होने से पहले ही कई अवॉर्ड अपने नाम कर चुकी है. Zee News से एक्टर ने Exclusive बात की और अपनी फिल्म के बारे में बताया.

सवाल- स्टोनल’ फिल्म का रोल सिलेक्ट करते वक्त मन में पहला थॉट क्या आया. बहुत इंटेंस फिल्म है और बेहतरीन फिल्म है.

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एक्शन फिल्मों का हूं दीवाना

इस सवाल का जवाब देते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा- ‘मुझे एक्शन फिल्में हमेशा से पसंद है.बचपन से मैं जब भी फिल्में देखता था तो मुझे बच्चन साहब की मूवीज बहुत पसंद आती थीं. फिर मैं अक्षय कुमार का बहुत बड़ा फैन था. तो मेरा कभी भी पैरलर सिनेमा से कोई लेना देना था ही नहीं. मैं बंगाली फैमिली से आता हूं तो मेरे पिता जी मुझे सत्यजीत रे की फिल्में फोर्स करके दिखवाते थे. लेकिन मेरा अट्रैक्शन हमेशा मारपीट वाली फिल्मों में ही रहता था.’

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मेरी किस्मत थी कि कॉमेडी में चला

‘एक तरह का मेरा जॉनर जो है वो एक्शन है. कॉमेडी में मैं चल गया वो मेरी किस्मत ही थी.स्त्री जैसी फिल्म करना और उसका इतने बड़े पायदान पर होना. लेकिन एक्शन जो है वो मेरी असली चीज है. पाताल लोक का हथौड़ा त्यागी बनने में मुझे बहुत मजा आया.पिटने में बड़ा मजा आता है जैसा कि आपने स्टोलन फिल्म में देखा होगा.’

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पिटने में बड़ा मजा आता है

मुझे पिटने में बड़ा मजा आता है मारने में बहुत मजा आता है. खून से मुझे अपनापन लगता है.ऑफ स्क्रीन लेकिन मुझे बहुत डर लगता है. शायद खून देखकर मुझे एंग्जाइटी हो जाए. लेकिन ऑन स्क्रीन बड़ा मजा आता है क्योंकि सब फेक हो रहा होता है. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि एक्टर्स ज्यादातर इंट्रोवर्ल्ड होते हैं जो अपनी निजी या असली जिंदगी से भागकर कहीं जाना चाहते हैं. तो खून मार धाड़ काफी ड्रामेटिक चीज होती है तो जब ये कॉन्सेप्ट लेकर आए तब मेरा जवाब बहुत ही क्लियर था.

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