पेयजल निगम ने इसका प्रस्ताव भेज दिया है। जल्द ही वर्ल्ड बैंक की टीम इस संबंध में बातचीत करने आएगी। वर्ल्ड बैंक ने पूर्व में हरिद्वार, देहरादून, हल्द्वानी में पैरी अर्बन क्षेत्रों की पेयजल योजनाओं के लिए 1200 करोड़ दिए थे।
सभी जगहों पर समय से काम पूरे हुए। इस आधार पर वर्ल्ड बैंक ने देशभर में उत्तराखंड को ए-ग्रेड से नवाजा। इस ग्रेड के मिलने से वर्ल्ड बैंक 1200 करोड़ रुपये की योजनाएं और उत्तराखंड को देगा, जिस पर सैद्धांतिक सहमति बनने के बाद अब पेयजल निगम ने प्रस्ताव भेज दिया है। इस प्रस्ताव के लिए वर्ल्ड बैंक को मुख्यालय की अनुमति की जरूरत नहीं होगी।
परफॉर्मेंस के आधार पर भारत स्थित कार्यालय से ही यह बजट जारी हो जाएगा। मुख्य अभियंता संजय सिंह ने बताया कि पहले ये शहर भी जायका की योजना के तहत 38 शहरों की पेयजल योजनाओं के लिए प्रस्तावित किए गए थे लेकिन वहां केवल 18 को ही अनुमति मिल पाई है। इसलिए इनमें से 12 को वर्ल्ड बैंक से प्रस्तावित किया गया है।
गैरसैंण में पेयजल की भारी किल्लत है। ग्रीष्मकालीन राजधानी होने के चलते भविष्य में पेयजल की और भी मांग बढ़ेगी। गैरसैंण के लिए रामगंगा पर सिंचाई विभाग बांध बना रहा है। इसी बांध से गैरसैंण के लिए पेयजल निगम भी प्रोजेक्ट बनाएगा। यह प्रोजेक्ट देहरादून की सौंग बांध परियोजना की भांति होगा। इससे गैरसैंण में पेयजल किल्लत दूर हो जाएगी।
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