
आनंद में राजेश खन्ना ने लीड रोल निभाया था।
राजेश खन्ना बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार कहलाते हैं। हिंदी सिनेमा के वो सुपरस्टार, जिनके आज भी लोग दीवाने हैं। आज भले ही राजेश खन्ना इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन आज भी वह अपनी फिल्मों के जरिए दर्शकों के जेहन में जिंदा हैं। वैसे तो उनकी कई फिल्मों ने सफलता हासिल की, लेकिन उनकी एक फिल्म ऐसी है जिसे देखने पर आज भी दर्शकों के आंसू निकल जाते हैं। ये राजेश खन्ना की सबसे ज्यादा कमाऊ फिल्मों में से एक है। हम बात कर रहे हैं 1971 में रिलीज हुई ‘आनंद’ की, जिसने दर्शकों को झकझोर कर रख दिया था। इस फिल्म के डायलॉग आज भी लोग एक-दूसरे का हौसला बढ़ाने के लिए करते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं राजेश खन्ना इस फिल्म के लिए फिल्म के निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी की पहली पसंद नहीं थे।
आनंद के लिए राजेश खन्ना नहीं थे ऋषिकेश मुखर्जी की पहली पसंद
ऋषिकेश मुखर्जी के निर्देशन में बनी ‘आनंद’ में राजेश खन्ना लीड रोल में थे और अमिताभ बच्चन ने इसमें डॉक्टर भास्कर बनर्जी की भूमिका निभाई थी। इनके अलावा फिल्म में सुमिता सान्याल, ललिता पवार जैसी अभिनेत्रियों ने अपने अभिनय से चार चांद लगा दिए थे। राजेश खन्ना का स्टारडम उन दिनों चरम पर था, लेकिन इसके बाद भी ऋषिकेश मुखर्जी इस फिल्म में दिग्गज अभिनेता राज कपूर को लेना चाहते थे। लेकिन, राज कपूर की बीमारी और उनके एक वहम ने उन्हें अपना फैसला बदलने पर मजबूर कर दिया। आखिर ऋषिकेश मुखर्जी को किस बात का डर था, चलिए जानते हैं।
राज कपूर थे आनंद के लिए पहली पसंद
अनु कपूर ने अपने शो ‘सुहाना सफर विद अनु कपूर’ में ‘आनंद’ से जुड़ा ये किस्सा शेयर किया था। उन्होंने अपने शो में बताया कि ऋषिकेश मुखर्जी और राज कपूर बहुत अच्छे दोस्त थे, इसलिए ऋषिकेश मुखर्जी अपनी फिल्म में राज कपूर को लेना चाहते थे। लेकिन, उन दिनों राज कपूर की तबीयत कुछ खराब चल रही थी और ‘आनंद’ की कहानी में राजेश खन्ना को भी एक बीमार शख्स की भूमिका निभानी थी।
ऋषिकेश मुखर्जी के मन में बैठ गया अजीब वहम
‘आनंद’ की कहानी में ‘आनंद’ को lymphosarcoma नाम की बीमारी होती है, जो एक तरह का ट्यूमर है। राज कपूर की बिगड़ी तबीयत देखकर ऋषिकेश मुखर्जी के मन में ये वहम बैठ गया कि कहीं राज कपूर पर इसकी कहानी का असर ना हो और वह ज्यादा बीमार पड़ जाएं। इस एक ख्याल के चलते उन्होंने अपनी फिल्म का हीरो ही बदल दिया। मन से राज कपूर का नाम हटाने के बाद वह नए हीरो की तलाश में जुट गए। इसी बीच खुद राजेश खन्ना उनके पास आए और कहा कि वह उनके साथ काम करना चाहते हैं।
12 मार्च 1971 को रिलीज हुई थी ‘आनंद’
राजेश खन्ना उन दिनों सुपरस्टार बन चुके थे और ये फिल्म कम बजट की थी, ऐसे में निर्देशक ने उन्हें इसके बारे में बता दिया। लेकिन, राजेश खन्ना कम फीस पर भी इस फिल्म को करने के लिए राजी हो गए। 12 मार्च 1971 में ‘आनंद’ सिनेमाघरों में रिलीज हुई और फिल्म को ऑडियंस से वो रिस्पॉन्स मिला, जिसकी ऋषिकेश मुखर्जी ने उम्मीद भी नहीं की थी। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर छप्परफाड़ कमाई की थी और सबसे खास बात इस फिल्म के बेहतरीन डायलॉग आज भी लोगों की जुबां पर रहते हैं, जिनमें जिंदगी के खूबसूरत मैसेज हैं।
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