
सोनू निगम
बॉलीवुड सिंगर सोनू निगम अक्सर ही अपने बयानों को लेकर विवादों में घिरे रहते हैं। बीते दिनों अपने बैंगलुरु म्यूजिकल कॉन्सर्ट के दौरान एक ऐसा बयान दिया कि बवाल मच गया। कन्नड़ भाषा के समर्थक सोनू निगम के पीछे पड़ गए और उनकी खूब आलोचना हुई। सोनू निगम का ये विवाद मीडिया में खूब छाया रहा और अब सोनू निगम को इसको लेकर नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। कन्नड़ भाषा में बन रही फिल्म ‘कुलाडाली कील्यावुडो’ (Kuladalli Keelyavudo) से सोनू निगम को गानों के निकाल दिया गया है। फिल्म के डायरेक्टर के रामनारायण ने इसकी पुष्टि कर दी है। फिल्म मेकर्स ने इसको लेकर एक स्टेटमेंट भी जारी की है। जिसमें उन्होंने बताया, ‘इसमें कोई शक नहीं है कि सोनू निगम एक बेहतरीन सिंगर हैं। लेकिन हम इस बात को लेकर दुखी हैं कि उन्होंने म्यूजिक कॉन्सर्ट में कन्नड़ भाषा को लेकर अच्छा वर्ताव नहीं किया। हम ये अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते इसलिए हमने गानों को हटाने का फैसला लिया है।’
फिर से रिकॉर्ड होगा गाना
गाने को फिर से रिकॉर्ड करने के लिए कन्नड़ गायक चेतन को बुलाया गया है। फिल्म के निर्माता संतोष कुमार ने यह भी घोषणा की है कि वह भविष्य में सोनू निगम के साथ काम नहीं करेंगे। हालांकि सोनू निगम ने बेंगलुरु में एक संगीत कार्यक्रम में अपनी हालिया कमेंट्स के बाद हुई आलोचना पर एक औपचारिक स्पष्टीकरण जारी किया है। विवाद 25 अप्रैल, 2025 को ईस्ट पॉइंट कॉलेज में हुई एक घटना से उपजा है, जहां गायक ने एक प्रशंसक के कन्नड़ गीत के अनुरोध पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और अपने जवाब में पहलगाम आतंकी हमले का संदर्भ दिया। घटना के मद्देनजर, अवलाहल्ली पुलिस ने निगम को एक औपचारिक नोटिस जारी किया, जिसमें उन्हें एक सप्ताह के भीतर पूछताछ के लिए पेश होने के लिए कहा गया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, गायक ने सोमवार को एक विस्तृत बयान पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ी और घटनाओं का अपना संस्करण पेश किया।
सोनू निगम ने दी थी सफाई
सोनू निगम ने भी इस विवाद के बाद अपना पक्ष रखा था और कहा था, ‘मैं कोई युवा नहीं हूं जो किसी से अपमान सहूं। मैं 51 साल का हूं, अपने जीवन के दूसरे हिस्से में हूं और मुझे इस बात पर आपत्ति है कि मेरे बेटे जैसे युवा ने हजारों लोगों के सामने भाषा के नाम पर मुझे धमकाया, वह भी कन्नड़ में, जो मेरे काम के मामले में मेरी दूसरी भाषा है। वह भी कॉन्सर्ट के मेरे पहले गाने के बाद! उसने कुछ और लोगों को उकसाया। उनके अपने लोग शर्मिंदा थे और उन्हें चुप रहने के लिए कह रहे थे। मुझे बताओ कि गलती किसकी है? एक देशभक्त होने के नाते, मैं उन लोगों से घृणा करता हूं जो भाषा, जाति या धर्म के नाम पर नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं, खासकर पहलगाम में जो कुछ हुआ उसके बाद।’
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