
2019 में मौसमी चटर्जी की बेटी का निधन हो गया था।
दिग्गज अभिनेत्री मौसमी चटर्जी 70 के दशक की टॉप अभिनेत्री रही हैं। उन्होंने अपने अभिनय करियर में कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। मौसमी चटर्जी एकाएक तब विवादों में आ गईं, जब उनके दामाद ने उन पर आरोप लगाया कि वह अपनी बेटी के आखिरी वक्त में उसके साथ नहीं रहीं और ना ही उसे देखने आईं। वहीं मौसमी चटर्जी ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि अपनी बेटी की हालत देखने के बाद वह भगवान से अपनी बेटी की मौत की प्रार्थना करती थीं। मौसमी चटर्जी ने अब हल ही में एक इंटरव्यू में अपनी बेटी से जुड़ी यादें साझा कीं और बताया कि कैसे उनका परिवार अब तक पायल की मौत से बाहर नहीं आ सका है।
बीमार बेटी से मिलने के लिए थीं कंडीशन्स
मौसमी चटर्जी ने इस दौरान अपने दामाद डिकी सिन्हा से आपसी मतभेदों के बारे में भी बात की। नयनदीप रक्षित के साथ बातचीत में मौसमी चटर्जी ने कहा- ‘मुझे नहीं लगता कि मेरे पति अब तक पायल की मौत से उबर पाए हैं। मैं भी अब तक इससे बाहर नहीं आ पाई हूं। हमारी जिंदगी में ये खालीपन हमेशा रहेगा।’ अपनी बीमार बेटी से मिलने के लिए कोर्ट जाने के अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए मौसमी चटर्जी ने इसे टॉर्चर बताया और कहा कि इसने उनके पति और छोटी बेटी मेघा को भी काफी प्रभावित किया, जिन्हें कथित तौर पर पायल के ससुरालवालों ने अपमानित किया।
पायल की मौत से हम अब तक नहीं उबर पाए हैं- मौसमी चटर्जी
मौसमी चटर्जी ने आगे कहा- ‘हम अब तक इस दुख से उबर नहीं पाए हैं। जब कोई बच्चा मरता है तो इससे कोई माता-पिता नहीं उबर सकते। पायल, मेघा के लिए मां जैसी थी, दोनों के बीच 8 साल का अंतर था।’ पति जयंत पर बेटी पायल के मौत के असर के बारे में बात करते हुए मौसमी ने कहा- ‘वे कई रात सो नहीं पाए। रात में उठकर पायल का नाम लेकर रोने लगते। इन बातों को शब्दों में समझा पाना मुश्किल है। मैं उन्हें कहती हूं, ये हो चुका है, अब हम कुछ नहीं कर सकते। मैं उन्हें सब भूल जाने को कहती हूं।’
दामाद ने लगाए थे मौसमी चटर्जी पर आरोप
इस दौरान मौसमी चटर्जी ने दामाद डिकी द्वारा खुद पर लगाए आरोपों पर भी बात की। दरअसल, डिकी सिन्हा ने स्पॉटबॉय के साथ बातचीत में मौसमी चटर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा था- ‘मौसमी ने पायल की मौत के बाद उसका चेहरा तक नहीं देखा। वह अंतिम संस्कार में नहीं आईं और न ही शवगृह आईं।’ डिकी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए मौसमी चटर्जी ने कहा- ‘पायल का शव शवगृह में इसलिए रखा गया था क्योंकि उन लोगों ने उसके मेडिकल बिल नहीं चुकाए थे। जब वो नहीं रही तो मैं अस्पताल गई थी। उसे शवगृह में रखा गया था। मैंने वो सब बकवास सहन की। आप इन चीजों से सीखते हैं कि दुनिया में कितने तरह के लोग हैं।’
2019 में हुआ था पायल का निधन
मौसमी चटर्जी और उनके पति जयंत मुखर्जी ने 2019 में अपनी बेटी पायल को खो दिया था। पायल बचपन से ही टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित थीं, जो आगे चलकर उनके लिए जानलेवा साबित हुई और 45 की उम्र में पायल ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। मौत से पहले पायल 2 साल तक कोमा में रही थीं। उन्होंने मशहूर व्यवसायी डिकी सिन्हा से शादी की थी। बताया जाता है कि पायल की मौत के बाद मौसमी का काफी इंतजार किया गया, जब वह नहीं आईं तो उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। वहीं लहरें रेट्रो के साथ अपने एक इंटरव्यू में मौसमी ने कहा था एक समय पर वह अपनी बेटी की मौत के लिए भगवान से प्रार्थना करती थीं।
परिवार को भुगतना पड़ा पायल की गलती का खामियाजा
मौसमी ने कहा था- ‘उसने एक गलती की थी, जिसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ा। हमारे पूरे परिवार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। मैं सिर्फ ये नहीं बोल सकती कि पायल ने गलत किया, अगर पायल ने गलत किया तो हम क्यों भुगत रहे हैं? ये भी नहीं कह सकती कि एक मां के तौर पर मैं भुगत रही हूं, लेकिन फिर मेरे पति क्यों भुगत रहे हैं, मेरी छोटी बेटी क्यों भुगत रही है? वो समय-समय पर कोमा से बाहर आती रही, लेकिन हमें टर्म्स एंड कंडीशन्स के साथ उसे देखने की इजाजत थी। पायल भी जाना चाहती थी, मुझे भी भगवान से प्रार्थना करनी पड़ी की इसे दूर ले जाओ, मैं इसे और दर्द में नहीं देख सकती थी।’
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